project - संथाल
संथाल समुदाय मुंडा समाज की एक महत्वपूर्ण भारतीय परंपरागत जनसंख्या है जो प्राचीनतम जनजातीय के सामाजिक और भौगोलिक तौर पर एक विकसित समुदाय है| फोटोग्राफर ने आपने निजी जीवन और पुरानी यादो को पिरोने के लिए झारखण्ड राज्य पर आधारित प्रोजेक्ट द्वारा अपनी सांस्कृतिक धरोहर को उजागर किया है। आदिवासी समुदाय एस्ट्रो एशियाई भाषा का प्रयोग करते हैं और प्राकृतिक समाज संरचना में विशेष जोर देते हैं, संथाल समाज मुख्य रूप से खेती द्वारा जीविकापार्जन करते हैं और सादापन उनकी विशेषता है। 2000 वर्षो से भी अधिक पुराना यह समाज गीत - संगीत, प्रकृति-पूजा, चटाई- टोकरी बनाने, मछली पकड़ने से लेकर कलात्मक उपकरण बनाने में माहिर है। मगर वहीं दूसरी तरफ शहरी व्यावहारिकता के नए बदलाव संथाल समुदाय पर अपनी ऐतिहासिक धरोहर को भूलने की कमी झलकती है प्रोजेक्ट के फोटोग्राफर गुलशन 2 वर्षो से इस Photo - ethnography project पर काम कर रहे हैं, उनके अनुसार संथाल समुदाय के सांस्कृतिक सामाजिक एवं आर्थिक इतिहास की धरोहर को बचाए रखना बहुत जरूरी है। अगर राज्य एवं केंद्र सरकारों द्वारा इस पर विशेष ध्यान नहीं दिया जाए तो यह भारतीय समाज की विविधता के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
गुलशन अभी इस प्रोजेक्ट पर और काम कर रहे है।
January 2025
research & photography - gulshan
words - photontology
bibliography:-
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Bhattacharya, K. (1995). The religion of the Santhals. Sociology in the Rubric of Social Science Anthropological Survey of India.