क्या इतिहास में कलात्मक-साहित्यिक सम्पदा के अलावा प्राकृतिक सम्पदा तथा मजदूर वर्ग की, मानव समाज के निर्माण में अहम भूमिका मिली?


सवाल का जवाब तो कम शब्दों में तो नहीं दिया जा सकता, लेकिन 'climate proof labour' के संशोधन पर International labour Organisation 20 सालों से इस विषय पर ध्यान दे रही है। भारतीय मजदूर सरकारी लापरवाही सहित 'excessive heat', 'solar ultraviolet radiation', 'vector borne disease' से युद्ध स्तर पर दिनचर्या व्यतीत कर रहे हैं। अगर अन्य समाचार संस्थानों की खबरों, International labour Organisation तथा Dileep Mavalankar (former head of Indian Institute of Public Health) की पुराने वक्तव्य को मिलने के बाद यथार्थवादी खुरदरी जमीनी‌ सच्चाई को हजम करना आसान नहीं है। Heat Stroke के कारण लगभग हजारों की संख्या में भारतीय मजदूर शहीद हो जाते हैं मगर सरकारी कागजों में आंकड़ों की गड़बड़ एक बच्चों का खेल बन चुका है। 
मगर हम यह सब गैर स्वच्छतावाद धारा में क्यों बहे? हमें तो व्यावहारिक राजनीतिक कारण और समूहवाद करने से ही फुर्सत नहीं मिलती। 



july, 2024
research & photography - priyanshu shekhar
Words - photontology

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