पोखरवार गाँव तक पहुंचने के लिए 756 सीढियों को जीतना पड़ता है। यह गाव मध्यप्रदेश के सतना जिले के पहाड़ों पर मौजूद है। यह Photo Essay बनाने का एक ही कारण था कि, सर्वशिक्षा अभियान के नाम पर हो रहे अमानवीय सरकारी रीति- रिवाजों को उजागर करना। पीने का पानी, बिजली, कक्षा के डेस्क से लेकर शिक्षक की कमी है। स्कूल की छत कभी भी ताश के पत्तों की तरह, विद्यार्थियों के सिर पर गिर सकती है जिसके डर से बच्चे एवं अध्यापक स्कूल के बाहर भारी गर्मी में पढ़ाई करते हैं। क्या बिजली, पानी, शिक्षा, और अस्पताल की सुविधाएं Social Development of Basic Minimum Need Model के अंतर्गत नहीं आती। क्या देश की आजादी का मापदंड देश की एक या दो प्रतिशत जनसंख्या के विकास से समझा जाए।
लेकिन आप बुरा मत मानना हम तो विश्व गुरु बन चुके हैं।
may, 2024
research & photography - priyanshu shekhar