प्रासंगिकता और प्रतिरोध
हम सब मजदूर ही तो है, जो एक गम्भीर बीमारी के शिकार है, ना चाहते हुए भी आस की छाया भरी धूप में देख लेते हैं। वैसे 1 may का दिन मजदूरों के लिए, अपने अधिकारों की रक्षा करने के संस्मरण के रूप में मनाया जाता है। MAY DAY को दो फिल्मों से विभेद करके, व्यवहारिकता में समझा जा सकता है।
The Shawshank Redemption (1994)" तथा 'दो बीघा जमीन 1953)', दोनो की पृष्ठभूमि का सारांश और काल्पनिक वैचारिकता को उत्तर- संरचनावाद के पैदा हुए (बलराज साहनी) और जवान हुए (Tim Robbins) समय से जोड़ा जा सकता है। भले ही वक्त, स्थितियां, भौगोलिक दुनिया, भिन्न-भिन्न थी। फिर भी आशावादी या आस का मूल्यवान समाज एक इच्छावादी मानव
बनाता है जिसमे शशि प्रकाश के लिखे शब्दों को Mirror की तरह प्रयोग करके कुछ सीखा जा सकता है :-
हम समय के युद्धबन्दी हैं
युद्ध तो लेकिन अभी हारे नहीं हम।
लालिमा है क्षीण पूरब की
पर सुबह के बुझते तारे नहीं हम।...
मगर कभी कभी लगता है कि MAY DAY and Mother's Day में कोई खास फर्क भी नहीं है, दोनों को ही अपने अधिकारों का पता नहीं तथा हमें खुद उनकी याद साल में एक बार आती है। बाकी दिन हम, गुटबाजी की योजना में व्यस्त रहते है।
Photontology
JANUARY 2024