परिवर्तन
यह विषय वस्तु का रूप चित्रों को एक बदलाव या कहें परिवर्तन के पहलुओं को PhotoEssay के रूप में दिखाने का एक प्रयत्न है, कैसे भारतीय समाज शहरीकरण और औद्योगीकरण की सफलताओं को पाते हुए अपने वास्तविक प्राकृतिक सुंदरता को खोता चला जा रहा है । क्या ऐसा तो नहीं कि देश को विकास की तरफ ले जाने या विश्व गुरु बनाने के मापदंड में हम अपनी प्राकृतिक सामाजिक रिश्तों में असंतुलन पैदा करते जा रहे हैं यह एक निजी सोच या संपूर्ण समाज के लिए एक व्यवहारिक समस्या बन चुकी है।
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